राम मंदिर को दिव्य-भव्य बनाने में अब तक 1621 करोड़ रुपये खर्च, अप्रैल 2026 तक ही पूरा हो पाएगा मंदिर

अयोध्या

राम मंदिर को दिव्य-भव्य बनाने में अब तक 1621 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। वित्तीय सत्र 2024-25 में मंदिर निर्माण समेत अन्य योजनाओं पर 652 करोड़ का खर्च आया है। सात जून को मणिराम दास की छावनी में हुई ट्रस्ट की बैठक में आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया गया था। इसमें मंदिर निर्माण पर हुए खर्च का विवरण भी प्रस्तुत किया गया।

राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के निर्माण का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र, सप्त मंडपम, पुष्करणी का भी निर्माण कार्य पूरा है, अब केवल फिनिशिंग चल रही है। राम मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा बन रहा है। इसके निर्माण का अभी 20 फीसदी काम बाकी है। इसी तरह शेषावतार मंदिर का भी करीब 20 फीसदी निर्माण कार्य शेष है। मंदिर निर्माण की शुरुआत पांच अगस्त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी। पिछले साढ़े चार सालों में मंदिर निर्माण पर करीब 1200 करोड़ व अन्य योजनाओं पर 400 करोड़ से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।

मंदिर परिसर में अभी दक्षिण दिशा में प्रवेश द्वार का निर्माण चल रहा है। इसके बाद गेट नंबर तीन पर द्वार का निर्माण होगा। दक्षिण दिशा में ही संग्रहालय, विश्रामालय व ट्रस्ट कार्यालय भवन का भी निर्माण किया जाना है। इसके अलावा सरयू तट स्थित रामकथा संग्रहालय के सुंदरीकरण का काम लगातार जारी है। इन सभी निर्माण कार्यों को पूरा करने की समय सीमा अप्रैल 2026 तय की गई है। मंदिर समेत परिसर में निर्माणाधीन अन्य प्रकल्पों के निर्माण में कुल दो हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान राम मंदिर ट्रस्ट ने लगाया है।

राम मंदिर ट्रस्ट ने मार्च से मई के बीच तीन माह में कुल 10, 433 वर्ग फीट जमीन एक करोड़ 55 लाख 40 हजार 800 रुपये में खरीदी है। बाग बिजेसी में कुल 3060 स्क्वायर फीट जमीन 47 लाख 20 हजार 800 रुपये में खरीदी गई है। बाग बिजेसी में ही विश्व मोहिनी से 6691 वर्ग फीट जमीन 98 लाख 20 हजार 800 रुपये में ट्रस्ट ने खरीदा है। इसके अलावा कोट रामचंद्र में 68़ 74 वर्ग फीट जमीन 10 लाख में खरीदी गई है।

India Edge News Desk

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